जमाने से कभी कुछ मत माँगना, क्योंकि ये देकर फिर बार-बार सुनाते हैं, सर्फ एक बार एहसान करेंगे और उसको लाख बार जताते हैं। यहाँ हर कोई अपने आप में चालाक हैं। कल्युग में किसी को शरीफ समझने की गलती मत कर देना। जो कुछ भी तुमसे चीना जा सकता है, समझ लेना, वो तुमारा है ही नहीं। एक बात हमेशा याद रखना, कि उस एक इश्वर के सिवा आपके आसु, दर्द और तुख कोई भी नहीं समझ सकता। जीवन के इस सफर में म उसी दिन बड़े हो जाते हैं, जब अपने आसु खुद ही पहुँच कर हम फिर खड़े हो जाते हैं। जिसके दिल में हमेशा उमीद रहती है, वो इनसान हजार बार हार के भी नहीं हारता। आप क्या किसी को समझा पाऊगे। खुद भगवान क शमय और भगवान देगा। जब सुख हाएं, तो इश्वर को मत भूलना। और जब दुख हाएं, तो इश्वर पर विश्वास रखना। यह जिन्दगी कभी भी आसान नहीं होने वाली। आपको ही मच्बूत बनना पड़ेगा। अगर सला देने वाले साथ देने लग ज चूट बोलने वाले को हमेशा डर सथाता रहता है। दुख भूगने वाला इनसान तो आगे चलकर सुखी हो सकता है। लेकिन दुख देने वाला इनसान कभी सुखी नहीं हो सकता। मैं नहीं, मेरा नहीं, अरे मुझ को क्या पढ़ी है। सबकी ऐसी सोच के कार सब को ही सहना पड़ता है। किसी के दोखे में जीने से अच्छा है कि आप अकेले ही सुकून से जीयो। किसी को भी अपना सहारा मत बनाओ क्योंकि सहारे आपको हमेशा कमजोर बनाते हैं। कभी-कभी ऐसा होता है कि हम किसी एक इंसान की वजह से पूरी जिन्दगी में मुस्कुराना भूल जाते हैं। जब आप किसी को उसकी दॉलप की वजह से इजद देने लगते हैं तो समझ लेना कि आपने अपना इमान बेच दिया है। बहुत गौर से देखने पे जाना मैंने कि दिल जैसा दुश्मन जमाने में और कोई नहीं है। जुल्म सहने से यहां कातिल को मदद मिलती है। अगर इस दौर में जीना है तो हंगामा मचा दो। जब हमारे अपने ही हमें दोखा देते हैं तो जिन्दगी एक पल में भिखर जाती है। और जब वो अपने साथ देते हैं तो पुरी जिंदगी समर जाती है। इंसान नहीं बोलता बलकि उसकी सफलता बोलती है। जब इंसान असफल होता है तब चाहे वो लाग बोले उसकी कोई नहीं सुनता। आप बस कुछ से प्यार करना सीख लो। दूसरों का प्यार पाने के चक्कर में आप खुद को प्यार करना ही भूल जाओगे। तूटी हुई कलम और दूसरों से जलन कभी खुद का भाग्य नहीं लिखने देती। जब किसी का जमीर ही गुलामी का आदी बन जाये तब उसकी ताकत कोई मायने नहीं रखती। आज के जमाने में ये सिरफ कहावत ही है अगर आप अच्छे हो तो आपके साथ अच्छा होगा। कुछ लोग खाने के इतने शौकीन होते हैं कि दूसरों की खुशियां भी खा जाते हैं। जिंदगी को बनाना और बिगारना सब हमारे ही हातों में होता है। धोंकी जिंदगी जीने से धंकी जिंदगी जीना भैतर है। आप सच्छाई को स्विकार करना शुरू कर दो। आपके सारे डर अपने आप खत्म हो जाएंगे। जिंदगी मिली है तो कुछ कर के दिखाओ। अगर आपका वक्त खराब है तो उसे बदल कर दिखाओ। आपने खुशी के आंसू तो बहुत दिखने होंगे। कभी हम से मिलना हम तोमे गम की हसी भी दिखाएंगे। जहाँ आप और कुछ नहीं कर सकते वहाँ कोशिश जरूर करना। इसी एक्सरे में भी नहीं आते। जो जखम हमारे अपने हमें दे जाते हैं। नफरत नहीं है किसी से बस अब कोई अच्छा ही नहीं लगता। जो बदला जा सके उसे बदल दो। जो स्विकार किया जा सके उसे स्विकार कर लो। और जो न बदला जा सके न स्विकार किया जा सके उसे छोड़ दो। लेकिन खुद को खुश रखो। लेकिन आपकी सबस बड़ी जिम्मेदारी सिरफ खुद को खुश रखना होती है। जंदगी में कभी किसी से उम्मीद नहीं रखनी चाहिए। लेकिन दोखा इनसान नहीं देता। बलकि वो उम्मीद देती है जो हम दूसरों से रखते हैं। जंदगी तो मिली थी किसी के काम आने के लिए। जब भी आपका होसना आस्मान तक जाएगा, याद रखना, कुई न कोई आपके पंक खाटने जरूर आएगा। जंदगी में दो चीज़े भूलना बहुत मुश्किद हैं। एक दिल का घाव और दूसरा किसी के साथ दिल का लगाव। जंदगी खेलती उसी के साथ हैं जो खिलारी बहतरीन होता है। दर्द सब के एक से हैं लेकिन होसले सब के अलग अलग हैं। कोई हताश होकर बिखर जाता है तो कोई संघर्ष करके निखर जाता है। सच्चे रिष्टों की और पैसों की कदर एक समान करें। इकि दोनों कमाना मुश्किल है लेकिन गमाना बहुत आसान है। जो इनसान अपनी गल्तियों के लिए खुछ से लडता है उसे कोई भी नह करा सकता। लोग कहते हैं कि इतनी दोस्ती मत करो कि दोस्ती दिल पर सवार हो जाए। हम कहते हैं कि दोस्ती इतनी करो कि दुश्मन को भी तुमसे प्यार हो जाए। किसी को दोखा देकर ये मत सोचो कि वो कितना बेवकूफ है बलकि ये सोचो कि उसे तुम पर कितना भरोसा है। तुफान का आना भी जरूरी है जिंदगी में। तभी तो पता चलता है कि कौन हाथ पकड़ता है और कौन साथ छोड़ता है। जिंदगी में हम जो चाहते हैं वो आसानी से नहीं मिलता। लेकिन सच ये भी है कि हम भी वही चाहते हैं जो आसान नहीं होता। इतना भी आसान नहीं होता अपनी जंदगी अपने लिए जी पाना। बहुत लोगों को हम खटकने लगते हैं जब हम खुद के लिए जीने लगते हैं। सना है सब कुछ मिल जाता है गूगल पर अगर कहीं पर इमानदारी और वफादारी मिले तो लोकेशन हमें भी भेज देना। अगर आप चाहते हैं कि लोग आपको अच्छा कहें तो अपना नाम ही अच्छा रख लो कि दूसरा और कोई रास्ता नहीं है। गलत फहमी है लोगों को कि रावन सिर्फ घमंड की वजह से मारा गया। जब अपनों में गद्दार हो तो इनसान घमंड की वजह से नहीं भरोसे की वजह से मारा जाता है। कभी-कभी मन में ये विचार आता है कि तोता तो मिर्ची खाकर भी मीठा बोलता है और इनसान ची अपलूस लोग बना लेते हैं। सबसे ज़ाधा करीबी और बहुत ज़ाधा गरीबी हमेशा रुलाते हैं। देखी यारों की यारी और तुनिया की दुनियादारी यहां सब अपना-अपना मतलब देख लेते हैं और वक्त आने पर सब साथ छोड देते हैं। एक बून सा विश्वन है इंसान का लेकिन एहंकार सागर से भी बढ़ा है। कुछ अजनबी भी अपनों से बहतर मिल जाते हैं। अगर कोई आपसे जलता है तो आप कुछ ऐसा कर रहे हो जो वो नहीं कर बाए हैं। जिन्दगी के अंत में हमारे अपने ही हमें जला देते हैं। लेकिन फिर भी हम इसे जान कर भी अंजान बने रहते हैं। रोटी से विचित्र कुछ भी नहीं, इंसान इसे पाने के लिए भी दोरता है और पचाने के लिए भी दोरता है। सुही जब चलती है तब भैतरीन पोशाक बना देती है। हर चुबने वाली चीज का मकसद गलत नहीं होता। भले ही किसी आउरत ने आज तक ताज महल न बनवाया हो लेकिन उन्होंने करोडो मकानों को हर बना रखा है। हर साल दिवाली से पहले एक कबाड़ी वाला ऐसा भी आना चाहिए जो तूटे-फूटे दिल और फटी-पुरानी यादें भी ले जाता हो। वापस ले आया डाकिया चिख्ठी मेरी, बोला पता सही था, मगर लोग अब बदल गए हैं। अपनी वानी को वीना बनाएं, बान न बनाएं, क्योंकि वीना बनेगी तो जीवन में संगीत होगा और अगर बान बनेगी तो जीवन में महा-भारत होगी। नाकाम हुए हम दोनों बुरी तरह से, तुम हमें चाह न सकें और हम तुम्हें बुला न सकें। जब तुम्हें प्यार करने वाला तुम्हें परिशान करना छोड़ गे, तो समझ जाना कि तुम्हें उसे खो दिया है। नज़दीकियां अगर हद से जादा बढ़ जाएं, तो गम ही मिलते हैं। और इसी वास्ते हम हर शक्स से गम ही मिलते हैं। दिल में बहुत सी अनकही बाते हैं, जिनें कहने का मन करता है, बगर कहें तो किसे कहें, यहां हर शक्स पराया लगता है। जिन रिष्टों में आपको एहमियत तक नहीं दी जाती, उन रिष्टों में आप खुद को ही लुटा देते हो। मुझ्किल था तनहा सफर, लेकिन मैंने ये रास्ता निकाला है, मैंने तनहाई को और तनहाई ने मुझे संभाला है। बदनामी का डर हो तो महबबद छोड़ दो, इश्क की गलियों में जाओगे तो चर्चे जरूर होंगे। पूल भी कितने अजीब होते हैं, किसी को दे दो, तो आपस में दिल जुड़ जाते हैं, और तस्वीरों पर टांग दो, तो अपने बिछड जाते हैं। इस्त्री जब तक मौन रहती है, तब तक वो संसकारी लगती है। लेकिन जब वो इस्त्री अपने हक के लिए लड़ती है, तब वही इस्त्री चरित्रहीन लगती है। पैंशन सिरफ चंद हजार रुपए नहीं होती, बलकि एक चादर होती है बुरापे की, जिससे एक रेटायर आदमी अपनी इस्जत को ढखता है, ताकि उसके बच्चे उसे बोज न समझ सकें। ठीक उस खाली लिफाफे की तरह होते हैं कुछ रिष्टे, जिनके भीतर कुछ भी नहीं होता, और हम उन्हें समझाल कर रखते हैं। अगर उपवास करके भगवान खुश होते, तो इस दुनिया में बहुत दिनों तक खाली पेट रहने वाला बिकारी सबसे सुखी इनसान होता। उपवास मन का नहीं, बलकि विचारों का करना चाहिए। आजकल लोग इतने गिर गए हैं कि वो बस फाइदा उठाना ही जानते हैं। आप जितनी सचाई से रिष्टे निभाएंगे, लोग उतना ही ज़ाधा आपका दिल दुखाएंगे। आपके जजबाद, आपके वक्त और पैसों से भी ज़ाधा एहमियत रखते हैं। इसल में वही घर्च करो जहां उनकी कदर हो। कुद को दूर रखना दुनिया की चाल से। यहां किसी को फर्क नहीं पड़ता हमारे अच्छे या बुरे हाल से। लोग भले ही पहचानते नाम से हो लेकिन यात तो इनसान के सवभाव को ही रखा जाता है। अरे आदमी तो जिन्दगी में गलत लोगों के आने का कभी अफसोस मत करें। योगी गलत लोग भी आपको कोई ना कोई सही सीख देकर ही जाते हैं। जब तक वो चीज आपकी जिंदगी से चली नहीं जाती। दुख दिमाग की उपज है। आप जितना सोचोगे दुख उतना ही बढ़ता जाएगा। जब पैसे आते हैं तो इजद भी आती है। लेकिन याद रखना वो इजद पैसे की है तुम्हारी नहीं। पहले डर करता है कहीं मैं ही कुछ उन्हें सुना नदू। बेवफा आउरत हर जगह मुँ मार के खुद को हीरोइन समस्ती है। लेकिन असल में वो एक भोलक है जो हर जगह बजाई जा रही है। इंसान के पास जब बहुत रुपिया हो जाता है तब इंसान भो रुपिया हो जाता है। जिस डर से आत्म विश्वास की हानी होने लगे उस डर का अंत करना बहुत आवश्यक हो जाता है। जो आपकी भावनाओं को जान कर भी आपको तकलीज देता है वो इंसान आपका अपना कभी नहीं हो सकता। अकेले रहना दोगले और जुठे लोगों में रहने से कई गुणा बहतर है। कल्युग है जनाब यहां कसम खाने वाला नहीं शराप पीने वाला जाधा सच बोलता है। जब किसी का मन ही अंधा हो जाये न तो उसकी आखे किसी काम की नहीं रहती। आउकाद से जाधा इस्जट दे दी जाये तो कुट्टे काटने पर उतराते हैं। इस दुनिया में इंसान ने जूत बोलना तब सीखा जब उसे सच बोलने की सजा मिलने लगी। लकडी के कीड़े पूरी कुर्सी को खा जाते हैं और कुर्सी के कीड़े पूरे देश को खा जाते हैं। जवानी की उम्र में जो इंसान अपनी मन पसंद चीजों के कुर्बा नहीं दे सकता है वही इंसान जिंदगी में काम्याब इंसान बनता है। जैसे ही लगता है की जिंदगी समझ आ गई है। पताने कहां से जिंदगी कुछ ऐसा दिखा देती है जो हमने सपने में भी नहीं सोचा होता है। दुनिया में 80 प्रतीशत लोग एक पिंजरे में कै और उस पिंजरे पे लिखा है की लोग क्या कहेंगे। लोग आपकी उसी खुबी से जलते हैं जिसकी उनके अंदर कमी होती है। गलतियां माफ की जा सकती हैं लेकिन जानभूच कर तकलीफ देने वालों को तबी माफ नहीं करना चाहिए। हकीकत जान जाओगे तो सब पराय लगेंगे। इसलिए मन में ये वहम ही पाल के रखो कि सब अपने हैं। जिंदगी ने मुझे इतना तो सिखा दिया है कि किसी से भी किसी भी तरह की उमीद रखना बिल्कुल बेकार है। आपके साथ कितना भी छल हुआ हो, कितना भी दोखा हुआ हो लिकिन अगर आपने किसी के साथ गलत नहीं किया है तो आप जिंदगी में हमेशा कामयाब रहोगे। आज के जमाने में तब तक किसी के पास किसे के लिए समय नहीं होता जब तक उसको सामने वालिस से मतलब नहीं होता। अगर आप जिंदगी में चुप रहना सीख जाओगे तो आपको बहुत कुछ सुनाई देगा और बहुत कुछ दिखाई भी देगा। मुझे अपनी जिंदगी में कोई भी ऐसा शक्स नहीं चाहिए जो मेरी गैर मोजूदगी में चुप चाप मेरे खिलाब पाते सुन ले। खुद से जूत बोलना, दूसरों से जूत बोलने से बहुत जादा खतरलाग होता है। मोहबत के अंधेरों में पत्थर भी पिगल जाते हैं। गैरों से क्या गिला करना जब अपने ही बदल जाते हैं। इस जमाने में हर किसी को अपना समझना छोड़ दो, जिंदगी में हमेशा खुश रहोगे। वास्तविक्ता में मज़ाग चालाकी से किया गया अपमान होता है। जिंदगी में बुरे वक्का आना भी बहुत जरूरी होता है। वरना अपनों का नकाब ओडे गैरों का भी पता नहीं चलता। याद रखना चालाकी चार दिन चमकती है और इमानदारी जिंदगी भर। एक गलत इंसान किसी के भी भारे में अभी सही नहीं सोच सकता। भीड में उनी चहरों को पहचाना जाता है जिनोंने अपनी पहचान बना ली है। जिस इंसान को हम बेहत प्यार करते हैं जिंदगी में वही इंसान हमारा सबसे जादा फायदा उठाता है। क्योंकि वो इंसान जानता है कि हमारी कमजोरी क्या है। इतने समस्दार बनो कि किसी को माफ करो। लेकिन इतने बेवकूफ मत बनो कि दोखा देने वाले पर दुबारा विश्वास कर बैठो। जब कोई समझे ही ना तो उसे समझाने की जरूरत ही क्या। जब कोई माने ही ना तो उसे बताने की जरूरत ही क्या। जिन रिष्टों में एक दूसरे की फीलिंग्स की रिस्पेक्ट ही नहीं, कदर ही नहीं, तो उन रिष्टों को जबरदस्ती खीचने की जरूरत ही क्या। जीत किसे के लिए और हार किसे के लिए। जिन्दगी भर की ये तकरार किसे के लिए। जो भी आया है, वो जाएगा एक दिन। फिर इंसान को इतना एहंकार किसे के लिए। जिसको किसी से कोई फरक नहीं पड़ता। यकीन मानिये, उसे किसी एक से बहुत फरक पड़ता है। सच्चे दिल से किसी जरूरत मंद की मदद करके देखो। अगर दिल को सुकून ना मिले, तो कहना। जिसे जाना है, उसे जाने दो। वो अगर आज रुक भी गया, तो कल चला ही जाएगा। कोई तो ऐसी बात करो, जिससे पता चले कि तुम मेरे हो। किसी को इगनोर करने में और बिजी रहने में बहुत फरक होता है। जिने सपने देखना अच्छा लगता है, उने रात चोटी लगती है। और जिने सपने कूरे करना अच्छा लगता है, उने दिन चोटा लगता है। खुबसूर्ती इसमें नहीं कि हम कैसे दिखते हैं, बल्कि खुबसूर्ती इसमें हैं कि हम दूसरों से कैसा वहवार करते हैं। खुदकुशी स्विकार करने वाला समाज, खुदकी खुशी से की गई शादी तभी स्विकार नहीं कर पाता। किसी की अगर आदत देखनी है ना, तो उसे इजद दो। और किसी की अगर फित्रत देखनी है तो उसे आजाधी दो। मुझे कमजोर समझने की गलती मत करना, मैं प्यार और वार वक्त आने पर दोनों करना जानता हूँ। हामोशियां कभी बेवजह नहीं होती, कुछ दर्द ही ऐसे होते हैं जो आवास तक छीर लेते हैं। चेहरा साफ, दिल में दाग, मुफर आप और पीछे साम बस यही दुनिया का सच है। वक्त रहते ही खुद को बदल लेने में भलाई है, क्योंकि अगर वक्त ने बदला तो बहुत तकलीफ होगी। आज के दौर का वही रभ है जिसके पास पैसा और पध है। आज रिष्टे का दूसरा नाम पैसा बन गया है, करम कितने भी गंदे क्यों न हो, अगर आपके पास पैसे हैं तो आपकी अनपढ़ता, आपके बुरे कर्म, आपका बुरा वेहवार, सब कुछ माफ कर दिया जाएगा। यह कल युग है साहब, यहां बुरों के साथ बुरा हो या ना हो पर अच्छों के साथ बुरा सरूर होता है। कुछ लोग मतलब के लिए ही हर रिष्टा जोडते हैं, अपना काम बनाकर सच्चे लोगों का दिल तोडते हैं, वो समसते हैं कि उन से जादा चाला कोई नहीं पर हकीकत में वो खुद अपनी किस्मत खोडते हैं। अपना वो होता है जो किसी और के लिए आपको नजरंदाज नकरे। अरे कदर करनी है तो जीते जी करो, अर्थी उठाते वक तो नफरत करने वाले भी रोप पड़ते हैं। चुपचा आप सहते रहो तो आप अच्छे हो और अगर आप बोल पड़ो तो आपसे बुरा कोई भी नहीं हैं। हर रिष्टे की अलग-अलग सीमाएं होती हैं लेकिन जब बात आत्मसम्मान की हो तो वहां रिष्टा खतम कर देना ही सही होता है। सहारे इनसान को खोखला कर देते हैं और उमीदे इनसान को कमजोर कर देती है। इसलिए अपनी ताकत के बल पर जीना शुरू करो क्योंकि आप से अच्छा साथी और हमदर्ध आपका और कोई नहीं हो सकता। किस्मत और अपनों का कोई भरोसा नहीं है। ये दोनों कभी भी पलट सकते हैं। नरम दिल के लोग जल्दी रो परते हैं, जल्दी रूट जाते हैं, फिर जल्दी से मान भी जाते हैं। मैंने सुना है कि ऐसे लोग रभ को बहुत बसंद आते हैं। उम्मीद करना गलत नहीं होता, पर हमसे गलती ये होती हैं कि हम गलत लोगों से उम्मीद लगा बैठते हैं। शब्द का भी एक अपना स्वाध है। बोलने से पहले कुछ चक लेना चाहिए। अगर खुद को अच्छा ना लगे, तो दूसरों को कैसे अच्छा लगेगा कर दिया आजाद उनको, जो हमारे दिल में रहकर पाप किसी और के देखते थे। जिस इनसान में दुख में खुश रहना सीख लिया, समझ लेना कि उस इनसान की जिन्दगी सफल हो चुकी है। जिस दिन आप किसी को अपनी आदद बना लेते हो, उस दिन से वो इनसान तुम्हें कभी भी बरबात कर सकता है। इश्क इतना ही करें जिन्दगी में, कि आपकी सल्व रिस्पेक्ट का मज़ाग न बनें। माना महबद जरूरी है, लेकिन इजजट से जादा कभी भी नहीं। खुब्सूरत होना जरूरी नहीं, पर किसी के लिए जरूरी होना बहुत खुब्सूरत होता है। आत्म पर जख्ब दे दोगे तो चलेगा, लेकिन आत्म सम्मान पर खरोज बिल्कुल भी बरदाश्ट नहीं है। भुलकर जीना हो, तो कभी किसी पे मत मरना। ये महबद का नया दौर है, जहां आज आप हो, वहां कल कोई आउर है। जंदगी मोह से शुरू होती है और मोह भंग होने पर खत्म होती है। किसी को फोर्स मत करो कि वो तुम्हें याद करे, कुछ दिन खामोश रहकर देखो कि उसकी लाइफ में आपकी कितनी वैल्यू है। जुप रहना अच्छा होता है, बेकिन जब आपके साथ अन्याय हो, तब आपको अपने हग के लिए जरूर बोलना चाहिए। जूट सुनने में भी मज़ा तब आता है, जब सच आपको पहले से ही पता हो। हम डर के नहीं, सब कुछ कर के बैठे हैं। कहीं भी फिट हो जाने को लाइफ सेट होना नहीं कहते, जहां आपको हर बार एजिस्ट करना पड़ता हो, तो समझ लीजिए, आप वहां के लिए बने ही नहीं हैं। आपके इरादे इतने कमसोर कभी नहीं होने चाहिए, कि लोगों की बातों में आकर तूट जाए। जगे चगे प्रियास करने से अच्छा है, एक ही लक्ष पर कड़ी महनत और लगन से काम किया जाए, देखना आपको सफलता जरूर मिलेगी। आज के जमाने में जादा अच्छा होना बिल्कुल भी अच्छा नहीं है। गिराने वाले अगर अपने हों तो समझने में बहुत वक्त लगता है। आज के जमाने में लोग आपकी गधर तब करते हैं जब उनको आपकी जरूरत होती है। कुछ रहना सीखो इससे पहले कि उदास रहना आपकी आदत बन जाए। कोई अगर आपसे कहे कि आप बदल गए हो तो 70% चांसेश यह है कि आपने सिर्फ वो चीज़े करनी बंद कर दी हैं जो उन्हें आपसे चाहिए थी। बाकि आपमें कुछ नहीं बदला। लौट टे वो लोग हैं जो रूट कर चले जाते हैं। तूट कर जाने वाला कभी लौट कर नहीं आता। कुछ लोग हमारा दिल रोज दुखाते हैं लेकिन फिर भी हम उनसे बात करके खुश हो जाते हैं। जो अपनों के सताय होते हैं अपनों के ठुकराय होते हैं वो बहुत कठोर हो जाते हैं। दिल से भी और बोली से भी उम्मीद तकलीफ तो बहुत देती है और नचाने क्यों इस दिल को फिर भी उम्मीद रहती है। बनावटी रिष्टों से कई गुना बहतर है कि आप अकेले ही रहना सीखो। महबत और नफरत कहने को तो दो मामूली शर्ण हैं लेकिन यही दो शर्ण इंसान को भगवान भी बना सकते हैं और शैतान भी बना सकते हैं। समय बताने वाले तो बहुत मिलेंगे लेकिन समय पे काम आने वाले बहुत कम मिलेंगे। तुफान का आना भी जरूरी है जिन्दगी में तभी तो पता चलता है कौन हाथ पकड़ता है और कौन साथ छोड़ता है। हर किस्सम के लोग देखे हैं अपनी जिंदगी में मदद लेकर शुक्रिया बोलने वाले भी और मदद लेकर बेवकूफ बोलने वाले भी। वक्त से पहले मिली चीजें अपना मुल्य खो देती हैं और वक्त के बाद मिली चीजें अपना महत्व खो देती हैं। मुझे ना जुकने का शौक है ना जुकाने का शौक है। कुछ एहसास दल से जुड़े हैं बस उन्हें निभाने का शौक है। दिक्ते तो यहां सब ही इंसान हैं बस फर्क इतना है कि कुछ जख्म देते हैं और कुछ जख्मों को भरते हैं। फिर से उसी मोर से शुरू करनी है जिंदगी जहां सारा शहर अपना था और तुम अजनबी थे। जब आप बोलते कम और सुनते जादा हो वो आप लोगों को जादा पसंद आने लगते हो। अरे मन होना चाहिए किसी से बात करने का वक्त तो अपने आप मिल जाता है। जंदगी में पच्ताना चोड़ो बल्कि कुछ ऐसा करो कि आपको छोड़ने वाला पच्ता है। समय और शब्द दोनों का उप्योग लापरवाही से मत करो ये दोनों ना दुबारा आते हैं ना दुबारा मौका देते हैं। ऐसे लोगों से समल कर रहना जो आपके सामने आपके साथ हैं और आपके पीछे आपके खिलाफ हैं। अबी गबी समझ नहीं आता कि अच्छे इंसाल के साथ किस्मत हमेशा बुरा खेल क्यों खेलती है। प्यार करना एक कला है और ये प्यार कभी मत करना ये मेरी सला है। इतने अफसोस की बात है जब कहीं वफाधारी का जिक्र होता है तो हम इंसान कुट्टो की इंसाल देते हैं। ना हक दो किसी को इतना कि आपको तकलीफ हो जाए और ना वक्त दो इतना किसी को कि उसको गुरूर हो जाए।